गिल्लू
I. एक वाक्य मे उत्तर लिखए:
1.लेखिका ने कौए कोयों विचत्र प्राणी कहा है?
लेखिका ने कौए को इसिलए विचत्र प्राणि कहा है वह एक साथ समादिरत, अनादिरत, अतिसम्मनित, ाअतिभावित है।
2.गिलहरी का बच्चा कहाँ पडा था ?
गिलहरी का बच्चा गमले और दीवार की सन्दि मे पड़ा था।
3.लेखिका ने गिल्लू के घावों पर क्या लगाया?
लेखिका ने गिल्लू के घावों पर पेन्सिलिन का मरहम लगाया।
4.वर्माजी गिलहरी को किस नाम से बुलाती थी?
वर्माजी गिलहरी को गिल्लू नाम से बुलाती थी?
5.गिलहरी को लघु गात किसके भीतर ्बन्द रहता था?
गिलहरी को लघु गात लिफाफे मे बन्द | रहता था।
6.्गिलहरी का प्रिय खा्द्य क्या था?
गिलहरी का प्रिय खा्द्य काजू था।
7.लेखिका को किस कारण से आस्पताल मे रहना पंडा?
लेखिका को मोटर-दुर्घट्न मे आहत होने के कारण से अस्पताल मे रहना पड़ा।
8.गिलहरी गर्मि के दिनों मे कहाँ लोट जाता था?
गिलहरी गर्मि के दिनों मे लेखिका के पास रखी सुरसि पर लोट जाता था।
9.गिलहिरयों की जीवना विध सामन्ययता कितनी होती है?
गिलहिरयों की जीवनाविध सामन्ययता दो वर्श से अिधक नही होती है।
10.गिलहरी की समाधि कहाँ बनायी गयी है?
गिलहरी की समाधि सोनजुही लता के नीचे बनायी गयी है।
II. दो-तीन वाक्यो मे उत्तर लिखए:
1.लेखिका को गिलहरी किस स्तिथि मे दिखाई पडी?
लेखिका को गिलहरी गमले और दीवार की सन्धि छूछि पडी । काक्द्वय की चोंचों के दो । घाव उस लघुप्राण के लिए बहुत थे ।
इसिलए वह निशचेतन से गमले से चिपका पड़ा था।
2.लेखिका ने गिल्लू के प्राण कै से बचाये?
सब ने कहा कि कौए की चोंच का घाव लगने के बाद वह बच नही सकता, अतः ऐसे ही रहने ्दिया जावे। लेखिका का मन न माना तो
उसे हौले से उठा कर अपने कमरे मे लायी फिर रूई से रक्त पोंछकर घावों पर पेनसिलन का मरहम लगाया। कई घंटे के उपचार के बाद
उसके मँहु मे एक बदूं पानी टपकाया जा सके गा। इस पर् कार ले्खिका ने गिल्लू के प्राण बचाये।
3.लेखिका का ध्यान आक्र्शित करने के लिऎ गिल्लू क्या करता था?
लेखिका का ध्यान ाअकर्शित करने के लिए गिल्लू को तीव्र इच्छा होती थी कि उसने एक अच्चा उपाय खोज निकाला। वह उसके पैर
तक आकर सरसे परदे पर चढ़ जाता है और फिर उसी तेजी से उतरता था।
4. वर्माजी को चौकोने के लिए गिल्लू कहाँ कहाँ छिप जाता था?
महादेवी वर्मा को चौकोने की इच्छा उसमे न जाने कब और कै से उपवन हो गयी थी । इसके लिए वह फू लदान के फू लों मे छिप जाता,
कभी परदे की चᐌु नट मे और कभी सोनजहु ी की पिᏭयों मᑙ।
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5गिल्लू ने लेखिका की गैरहाजरी मे दिन कै से बिताये?
गिल्लू ने् लेखिका की गैरहाजरी मे जब उसके कमरे का दरवाजा खोला जाता, गिल्लू अपने झूले से उतरकर दौडता और फिर किसी
दूसरे को देखकर तेजी से अपने घोंसले मे जा बैछता । वह उन दिनों अपना प्रिय खाध्य काजू को कम खाता रहा।
III. पाँच-छः वाक्यो मे उत्तर लिखए:
1.गिल्लू के कार्य कलाप के बारे मे लिखए।
वही दो वर्श गिल्लू का का घर रहा । वह स्वय्म हिलकर अपने घर मे झूलता और अपनी काँच के मनकों-सी आँखों से कमरे के भीतर और
खिडकी से बाहर न जाने क्या देखता-समझता रहता था। परन्तु उसकी समझदारी और कार्य-कलाप पर सबको आश्च्र्य होता था।
2.ले्खिका ने गिलहरी को क्या-क्या सिखाया?
लेिखका जैसे ही खाने के कमरे मᑙ पहुँचती, वह िखडकी से िनकलकर मेज पर आकर और उसकी थाली मᑙ बैठ जाना चाहता । लेिखका
ने बडी किठनाई से मᑜने उसे थाली के पास बैठना िसखाया, जहाँ बैठकर वह मेरी थाली मᑙ से एकएक उठाकर बडी सफाई से खाता
रहता।
3.गिल्लू के अंतिम दिनों का वर्णन कीजिए।
गिलहिरयों के जीवन की अविध दो वष से अिधक नही होती इसिलए गिल्लू की जीवन-यात्रा | का अंत आ ही गया। दिन भर उसने न
कुछ खाया, न बाहर गया। पंजे इतने ठंडे हो रहे थेकि लेखिका ने हीटर जलाकर उसे उशनता देने का प्रयत्न किया। लेकिन पर् भात
की पर् थम किरणों के साथ ही गिल्लू चिर ्निद्रा मे सो गया।
IV. रिक्त स्ठान भरीए
1. यह … काक ……… भी विचत्र पश्नी है।
2. उसी बीच मस्झे मोटर दुर्घट्ना.. मे आहत होकर कु छ | दिन आस्प्ताल मे रहना पड़ा।
3. गिल्लू के जीवन का पर् थम … वसतं… आया ।
4. मेरे पास बहुत … पश-पश्नी है
5. गिल्लू की जीवन-यात्रा का अंत आ ही गया
अनुरूप शब्द लिखए :
1. 1907 : महादेवी वर्माजी का जनम :: 1987 : . महादेवी वर्माजी का निधन.
2. गलु ब : पौधा :: सोनजही: … फू ल ………….
3. हंस : सफे द :: कौआ : काला
..
4. बिल्ली :म्याऊँ -म्याऊँ :: गिल्लू : चिक् चिक
5. कोयल : मधरु ्स्वर :: कौआ : कर्कश
.
VI. क्न्नाड
या अग्रेजी मे अनुवाद
कीजिएः
1.कई घंटे के उपचार के उपरांत उसके मँहु मे | एक बदूं पानी टपकाया ज
After hours of treatment it took a drop of water in its mouth.
2.बड़ी किठनाई से मैने उसे थाली के पास बैठना सिखाया।
With great diÞculty I taught it to sit near
the plate
3.गिल्लू मेरे पास रखी सुराही पर लेट जाता था।
Gillu always used to sleep near the pot.
4.दिन भर गिल्लू ने न कुछ खाया, न वह बाहर गया।
Whole day Gillu did not eat anything nor went
outside.
VII. दिए गए सही स्त्रीलिंग शब्दो
को चनुकर पुल्लिंग शब्द के आगे लिखए:
पुल्लिंग स्त्रीलिंग
1. लेखक – लेखिका
2. श्नीमान श्नीमति
3मयूर
मयूरानी
4. कुत्ता –
कुत्तिया
VII. एकवचन बहुवचन
1. ऊँ गली – उँगिलयाँ
2. आँख –आँखे
3. ्पूछ – पूछे
4. खिडकी – खिडिकयाँ
5. फू ल – फू ल
………
6. पंजा– पंजे
7. लिफाफा लिफाफे
8. कौआ – कौए
9. गमला … गमले
10. घोंसला. घोंसले
IX. उदाहरणा के अनुसार
प्रेरणार्थक रूप लिखए:
1.
चिपकना |
चिपकाना |
चिपकवाना |
|
2.
देखना |
दिखाना |
दिखवाना |
3.
सोना |
सुलाना |
सुलवाना |
4.
पीना |
पिलाना |
पिलवाना |
5.
माँगना |
मँगाना |
मँगवाना |
X. विलोम शब्द लिखए:
निकट × दूर
1. दिन × रात
2. भीतर × बाहर
3. चढ़ना × उतरना
४.उत्तीर्ण × अनुत्तीर्ण
1. उपयोग × अनपु योगी
2. उ पस्तिथि× अनुपस्तिथि
3. उिचत × अनुचित
विशवास × अविशवास
1. प्रिय × अप्रिय
2. संतोष × असंतोष
3. ्स्वस्थ × ाअ्स्वस्थ
ईमान × बेईमान
1. होश × बेहोश
2. खबर × बेखबर
3. चैन × बेचैन
बलवान × बलहीन
1. बुद्दिमान × बुद्दिहीन
2. शक्तिमान × शक्तिहीन
3. दयावान × दयाहीन
धन × बेधन
1. जन × निर्जन
2. बल × निर्बल
3. गणु × निर्गुण
XI. समाना्र्थ्क शब्दो को चनु कर लिखएः
(खाना, शरीर, चिकित्सा, इलाज, देह, तलाश, भोजन, साहस, अचरज, धॆर्य ढू ँढ़, आशचर्य
उदा- उपचार ------------ चिकित्सा ----------
इलाज
1. गात – शरीर – देह
2. आहार – खाना – भोजन
3विस्मय– आशचर्य – अचरज
4. हिम्मत – धैय – साहस
5. खोज – तलाश – ढू ँढ़
XII. कारक का नाम िलिखए:
उदा- गमले के चारों ओर – सबं धं कारक
1. मँहु मे एक बदूं पानी – अिधकरण कारक
2. गिल्लू को पकडकर – कर्म कारक
3. जीवन का पर् थम वसतं – सबं धं कारक
4. खिडकी की खलु ी जाली – सबं धं कारक
5. मॆने कील निकालकर – कर्त कारक
6. झूले से उतरकर – करण कारक
7. सुरही पर लेट जाता – अिधकरण कारक
8. कु छ पाने केलिए – संप्र दान कारक
XIII. दी गयी शब्द-पहेली से पशु पश्नी के नाम हूँढ़कर लिखए:
1. मोर 2. हंस 3. कबतू र 4. 5. कौआ 6. गᏴड 7. बिल्ली 8. मयूर
I. उदाहरणसिहत दो
स्वर संधी के पाँच भेदों का नाम लिखए:
व्यंजन संधी
व्यंजन संधी के साथ स्वर
अथवा व्यंजन न के मेल से
उत्प्नन्न
परिवर्तन की व्यंजन
संधी कहते है
उदाहरण :
जगत् + नाथ = जगन्नाथ
सत् + आचार = सदाचार
वाक् + मय = वाग्मय
वाक् + ईश = वागीश
षट् + दर्शन = षट्दर्शन
II. संधी
विच्छेद करके लिखए:
तल्लीन = तत् + लीन
चिदानंद = चित् + आनंद
दिगंबर = दिक् + अंबर
सज्जन = सत् + जन
सदगति = सत् +गति
III. स्वर संधी और व्यंजन संधी के शब्दो की सूचि
सदाचार, गिरीश, वागीश, इत्यादी, सदैव, नयन, जगन्नाथ
महोत्सव, षट्दर्शन जगन्मोहन
स्वर संधी सदाचार, गिरीश,
महोत्सव,, नयन, |
व्यंजन संधी जगन्नानाथ, |
ि
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